Category: Poems

नारी तेरे रूप अनेक

               है ममता की मूरत नारी, जननी तू कहलाती है;                कभी महालक्ष्मी, कभी दुर्गा तू ,घर-घर में पूजी जाती है .                दुःख दूर कर,सुख देती है, हरवक्त इरादे तेरे नेक ;         […]

नसीबा

Deepak kumar choudhary. Editor in chief, Bhagalpur, Bihar. नहीं शिकवा किसी से है , नहीं करता गिला कोई ; नसीबा जो दिया तूने उसे स्वीकार करता हूँ . मेरे दामन में थे जो फूल, वो सब छीन ली तूने ; तू अर्हम है , ऐसा जान तुझी से प्यार करता हूँ . नहीं शिकवा किसी […]

ले अर्ज़ खड़ा हूँ दर पे मैं ……

                                            ले अर्ज़ खड़ा हूँ दर पे मैं, कर लेना तुम स्वीकार इसे इक माँग है मेरी छोटी सी, मत कहना है इंकार तुझे . जब- जब दानव इस धरती पर आया, तुमने संहार […]

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